Dec 23, 2014

Micromax Canvas Tab P470 Voice-Calling 3G Tablet Launched | Priced At 6999 INR

Resource ID: http://www.bloggingrepublic.com/micromax-canvas-tab-p470-voice-calling-3g-tablet/

A day before we posted a story about Micromax Cyanogen Yu smartphone. The phone launched with awesome features usually seen in phones of above 20k bracket. Now, it’s time for Micromax tablet. Micromax has launched its brand new tablet Canvas P470 with a price tag of Rs 6999. This is a 7 inch tablet with several key features and specifications.

The Canvas Tab P470 offers support for 21 Indian languages including Hindi, Gujarati, Punjabi, Malayalam, Tamil and Kannada. The tablet will be on sale from 20 December. The tablet is available in classy silver and mystic grey colors. This is the second tablet from Micromax Canvas Tab series. The device has some pre-installed apps such as Bookmyshow, Hike, and Dr. Safety virus scanning system besides company’s own app and content stores.

 
•    7-inch TFT display
•    1024×600 pixel resolution
•    1.3GHz MediaTek dual-core processor
•    1GB RAM
•    8GB of internal memory expanded up to 32GB via microSD card
•    5-megapixel rear camera with a VGA front-facing camera
•    3,200mAh battery
•    Voice calling, 3G, Wi-Fi and Bluetooth

Feb 1, 2012

जानिए गूगल की नई Privacy Policy


आज Google हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। जीमेल से हम अपनी पर्सनल और प्रफेशनल मेल भेजते हैं , गूगल प्लस से हम अपनी तमाम पर्सनल पसंद - नापसंद , पिकासा से फोटो , यूट्यूब से विडियो क्लिप्स अपने दोस्तों से शेयर करते हैं। लेकिन गूगल की नई प्रिवेसी पॉलिसी से बहुत कुछ और भी बदलने वाला है। हमें पता है कि गूगल हमारी सर्च हिस्ट्री के आधार पर हमारे पसंद के वेब पेजों पर एड टैग करता है। लेकिन 1 मार्च से चीजें और बदलने वाली हैं। अपनी नई प्रिवेसी पॉलिसी के तहत वह अपनी तमाम सर्विस सारा डेटा एक जगह ही इकट्ठा करने लगेगा। इसे नाम दिया है गूगल प्लस योर र्वल्ड। 
 

सर्च विदआउट सर्चिंग->

यह अच्छी खबर भी है , परेशान करने वाली भी। 2010 में गूगल सर्च इंजन में अहम रोल निभाने वाले अमित सिंघल ने सर्च विदआउट सर्चिंग नाम के कंसेप्ट की बात की थी। अमित का कहना है कि आज की दुनिया में हर चीज इंटरनेट से जुड़ी हुई है। मसलन , आपको एक क्रिकेट बैट खरीदना है। आपने अपने स्मार्टफोन की टू डू लिस्ट में इसे नोट कर लिया। अब यह जानकारी आपके फोन को पता है आपके फोन में गूगल मैप और लिस्टिंग सर्विस है। अब जब भी आप स्पोर्ट्स मार्केट में जाएंगे आपका फोन जीपीएस सर्विस के जरिए इसे पहचान जाएगा और फौरन ना केवल आपको बैट खरीदने की बात याद दिलाएगा बल्कि मैप पर किसी दुकान का पता भी बता देगा। 

मुझे मेरी प्रिवेसी पसंद है ->
 
गूगल इसी तरह से अपने यूजर्स की सर्च को आसान बनाकर Facebook और Twitter को चुनौती देना चाह रहा है। लेकिन इसका एक परेशान करने वाला पक्ष यह है कि अगर कोई शख्स किसी दिन यूट्यूब पर बैले डांसिंग के ढेरों विडियो देखता है। कुछ देर बाद उस शख्स की वाइफ या बच्चे उसी अकाउंट से लॉग इन करते हैं। बहुत मुमकिन है कि गूगल यूट्यूब पर देखे गए विडियो से मिलते - जुलते एड उस अकाउंट पर टैग कर दे। जाहिर सी बात है कि इससे प्रिवेसी का नया संकट उठ खड़ा होगा। 

हालांकि 2010 में फेसबुक के सर्वेसर्वा मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि आज की दुनिया में प्रिवेसी बहुत बड़ा मसला नहीं है। फिर भी सभी इस बात से सहमत हों यह जरूरी भी नहीं। सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी के डायरेक्टर सुनील अब्राहम का का कहना है कि अपनी लाइफ में मैं नहीं चाहता कि जिस दुकान से मैं अपना रोजमर्रा का सामान खरीदता हूं वह यह जाने कि मैं मेडिकल स्टोर से क्या खरीद रहा हूं। ना ही मैं यह चाहता हूं कि मैंने यूट्यूब पर जो विडियो देखे हैं उनसे जुड़े ऐड मेरे गूगल प्लस पेज पर हों। मैं दोनों सविर्स को अलग - अलग मकसद के लिए यूज करता हूं।  


डेटा सिक्युरिटी की समस्या->
इसके बाद सबसे बड़ी समस्या डेटा सिक्युरिटी की भी है। भले ही गूगल का दावा है कि वह अपने यूजर्स के डेटा को थर्ड पार्टी संग शेयर नहीं करता। लेकिन अब्राहम इससे संतुष्ट नहीं हैं। वह कहते हैं , कायदे से गूगल को कानूनी सीमा से ज्यादा समय तक डेटा अपने पास नहीं रखना चाहिए। यह छह महीने से एक साल तक का समय होता है। लंबे समय तक डेटा रखने से सरकारी एजेंसियों के अलावा तमाम और भी तत्व ऐसे हैं जो इसका मिसयूज कर सकते हैं।

साभार: http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11695225.cms